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founder & technical engineer Muntun Kumar

नमस्ते ,

    मेरा नाम मुनटुन कुमार है , मैं  द्वारका  दिल्ली में रहता हु , मै शिव शक्ति इंटरप्राइजेज का फाउंडर और टेक्निकल इंजीनियर  हूँ  और एक सर्विस प्रोवाइडर भी हूँ ।  मै हमेशा नए  व्यक्ति को काम करना भी सिखाता हूँ  इससे उस व्यक्ति का विकास हो सके और यह भी अपना जीवन यापन  कर सकें। मैं  हर प्रकार का घरेलू और व्यापारिक उपकरण की मरम्मत का काम करता और करवाता  हूँ ,मै शादीशुदा  हूँ  मेरे दो बच्चे है , संजीव  और  साक्षी , संजीव अभी 9 साल का है और वह साक्षी 7  साल की।  और मेरी धर्मपत्नी श्रीमती  पुष्पा देवी जी भी मेरे,  साथ रहकर मेरे काम में मेरा मदद करती है।  और हमारी माता जी भी हमारे साथ ही रहती है।  मै मूलरूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मंडल के देवरिया जिला के छोटे से गांव मालीछापर  का निवासी हूँ  , जो रोजगार का औसर ढूढ़ते हुए  दिल्ली तक आ गया।  .                                                                                     मेरा  जन्म 10  जून 1985 को माली छापर   ग्राम में  एक छोटे से किसान परिवार में हुआ था। / मेरे पिता जी का नाम स्वर्गीय श्री रामदरश कुशवाहा   और माता जी श्रीमती  बासमती देवी है बचपन में एक संयुक्त परिवार में रहा करते थे , परिवार में लगभग 20 से भी अधिक सदस्य थे. .गरीबी चरम सीमा पर थी मैं   अपने परिवार में अर्थात अपने भाई बहनों में सबसे छोटा था, हम दो भाई और दो बहन है   बहने बड़ी थी जो शादी  के बाद ससुराल चली गयी , और बड़े भाई रोजगार के लिए आसाम चेले गए , पिता जी बीमार रहने लगे और जब मै  10 वि में पढ़ता   था।  तभी उनका देहांत हो गया , और हम जिस सयुक्त परिवार में रहते थे वह पहले ही बिखर चुक्का था , हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी , जिसके कारण बहुत परेशानी का सामना करना पढ़ा।  पहनने  को कपड़े से लेकर खाने पिने तक को बहुत दिक्कत होती थी  क्योकि खेती भी बहुत कम मात्रा में थी , जिसके कारण भरण पोषड में दिक्क्त होने लगी।  जिस  कारण हम लोगों  में , बकरी और भैस पाला और भैस का दूध बेचकर किसी तरह हम लोग का खर्च   निकल पाता था।                                                                                                              मेरा बचपन   परेशानियों में ही निकला , मैं  बचपन से लेकर 12 क्लास तक के पढ़ाई के साथ साथ बकरिया चराया करता था।  और बचपन से ही काम में व्यस्त रहा, मुझे अन्य बच्चों की तरह खेलने  का समय नहीं मिला।  maine बी ए  स्नातक की पढ़ाई का खर्च अब बच्चो को  टूशन पढाकर  निकालने लगा ।                                            शिक्षा  मेरी प्रारम्भिक  शिक्षा गांव के प्रॉथमिक पाठशाला में हुयी / जिसमे हर क्क्षा में प्रथम आता था  और उसके बाद की शिक्षा 6 से 12तक डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इंटर कॉलेज  पकड़ी बाबू  देवरिया  उत्तर प्रदेश  से हुयी , जिसमे मेरा प्रदर्सन कुछ खास नहीं रहा परन्तु कक्षा में प्रथम ही आता था  फिर हाई स्कूल और  १२ में द्वितीय श्रेड़ी से पास हुआ  . और स्नातक  बी.ए  मैंने  पंडित दींन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय  गोरखपुर के अंधिनस्त  महाविद्यालय  पंडित मदन मोहन मालवीय उच्तर महाविद्यालय  भाटपार रानी देवरिया उत्तर  प्रदेश से द्वितिया श्रेड़ी से किया।  इसके बाद मेरे मन में विचार आया की क्यों न कोई तकनीकी कार्य की शिक्षा ली जाये इसलिए मैंने   इलेक्ट्रीकल  से आई टी आई किया और अपनी पढ़ाई पूरी की।  इस तरह 2009 में मेरी पढ़ाई  का काम सम्पन  हुआ।                                                                                         जीवन के लिए संघर्ष   

पढ़ाई  समाप्त कर मैं जॉब की तलास में दिल्ली आया अपने एक रिस्तेदार विजय कुशवाहा के साथ   दिल्ली में मेरे बड़े  भाई रहते  थे वह एक एक्सपोर्ट कम्पनी में कपडे का काम करते थे।  उनके साथ ही रहा कर मैंने इंडियन ऑयल,  कंपनी।  में एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में ठेके पर काम  किया  लगभग दो साल तक मेरी ड्यूटी हमेशा  NIGHT SHIFT होती थी , और दिन में मैं इलेक्ट्रिकल  दुकान पर काम करता  था।  दिन भर काम करने पर 100 रुपये मिलते थे और इंडियन ऑयल में 5500 रुपये मिलते थे। इंडियन ऑयल में एक बार मुझे थ्री फेज 440 वोल्ट का करंट लगा गया जिससे मेरे हाथ का सारा मांस जल गया था , जिससे काफी परेशानी का सामना करा पड़ा।  काम ठेके पर था  इसलिए काम छूट गया और मैंने एक ठेकेदार के साथ द्वारका में इलेक्ट्रिक काम किया और, कुछ दिनों का काम ही था।  उनके पास। और काम छूटने में बाद मैंने   AIR CONDITIONER  का काम सीखने का इरादा किया और एक सहयोग के सहयोग से मुझे  VOLTAS  SERVICE CENTRE में एक  HELPER  के रूप में काम मिला जिसमे मैंने एक महीने काम किया और बेसिक जानकारी लेने के बाद मैंने  VOLTAS SEVICE CENTRE   का काम भी छोड़ दिया और बेहतर की तलाश में मैंने  MEENA & SONS  AIR COMPNI ज्वाइन  किया और मेरी सेलरी वह १५००० मिली जो मेरे लिए अच्छा था जहा   मैंने चार साल तक काम किया और 2015 में नौकरी छूट गयी और मैंने   NAUKREE .COMमें RAGISTRATION किया और फेब 2016 मे HOUSEJOY . IN  ज्वाइन किया  और  एक एक  तकनीशियन के रूप में और वह मेरी  सैलरी 20,000 / थी ,और 2018 में मैंने  HOUSE JOY  से भी  त्यागपत्र दे दिया ,और अपना खुद का बिजनेस  शुरू किया और अर्बन कम्पनी ज्वाइन किया सर्विस पार्टनर के रूप में  और अच्छा पैसा कमाया ,  तो जिज्ञासा हुई की और ज्यादा कामयाब बने  इसी  बीच करोना महामारी आयी और सबको हिलाकर रख दिया   , फर्स्ट वेव में ही मै कोरोना से पीड़ित हो गया और शरीर का बुरा हॉल हो गया , शरीर बुरी तरह कमजोर हो गया और , मैं महुमेह रोग से पीड़ित हो गया  और इस क्रम में  मेरा बुरा हॉल हो गया  और सेविंग भी ख़त्म होने लगा।  काम करने की शक्ति  भी कम हो गयी और काम भी कम ही हो पता था। और   काम भी कम ही था मार्केट  में  . अब मैं ज्यादा तरह  होस्पिटल  का चककर  लगाने लगा था क्योकि शुगर की दवाईया लेना पड़ता था। और एक दिन मैंने फेसबुक से एक ऐड देखा देशयोगा चैरिटेबल ट्रस्ट का जिसमे  श्री   SUBHASH DESHYODI   जी कह रहे थे कि  हम शुगर को जड़ से खत्म कर देते है बिना किसी मेडिसिन के   और ये उस समय मात्र 200 रूपये लेते थे जो मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं थी।    इसलिए मैंने ज्वाइन किया और उनके मार्ग दर्शन में मात्र 15 दिनों में मेरी सारी दवाईया बंद हो गयी और सरीर में एक  खास तरह की ऊर्जा का संचार हुआ और मेरे अंदर और आज लगता है वो सब कुछ कर सकता हु,  जो  मैं  सोचता हु और  मैंने अपने आपको बड़ा Service Provider  बनाने के क्रम में अपना खुद का वर्क शॉप खोला जो 26 जनवरी 2013 को ।   जिसका नाम   SHIV SHAKTI ENTERPRISES  है।   जिसमे हर प्रकार का  AC / AIR CONDITIONER , & ALL TYPES HOME APPLIANCE REPAIR CENTRE  जो महावीर एन्क्लेव द्वारका दिल्ली में है  . जो एक ऑफ लाइन जॉब है और मैंने पैनासोनिक औरका काम भी किया , मगर सफलता के तरफ़ ये मेरे बढ़ते हुए कदम थे , मगर ऑफ लाइन होने से काम की कमी थी  और मैं सोच रहा था की कैसे अपने औफ़लाइन लाइन काम को ऑनलाइन ले जाया जाए ,  तभी मैंने एक दिन संदीप भंसाली सर का ऐड देखा की कैसे अपने ऑफलाइन  काम  को ऑनलाइन ले जा सकते है।  और मैंने उनका 299  रुपये का वेबीनार अटेंड किया और उसके बाद मैंने  डिजिटल मार्केटिंग की तरफ अपना रुख किया।   और ये digital marketing   सीख कर बनायीं हुयी मेरी अपनी और पहली website  है जो मैंने खुद के लिए बनाई है   https:// kumarrepair.com ,. जो अपने सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ , 

          और आशा करता हु की आपका सहयोग हमेशा मेरे ऊपर बना रहेगा  , क्योंकि आपका सहयोग ही मुझे सफलता की उच्चतम शिखर तक ले जा सकता है।  मेरा ऑफलाइन काम केवल  दिल्ली में है ,और मेरी इच्छा है कि  मैं  पुरे देश में अपना काम ऑनलाइन के अपना काम पूरा भारत में  ले जाऊं। जो आपके सहयोग के बिना संभव नहीं है  , ,    ,. 

 ,                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                   

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